12 राशियों का परिचय जानिए हर राशि के प्रतीक के बारे में
मेष राशि: मेष राशि इसका राशि स्वामी मंगल है तथा यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति लाल पीले वर्ण वर्ण कांति हीन क्षत्रिय वर्ण अग्नि तत्व वाली चर्च संज्ञ समान अंगों वाली अलफ संत वितान तथा पित्त प्रकृति कारक है इसका स्वभाव अहंकारी साहसी सता मित्रों के प्रति दयालुता का है इसके द्वारा मस्तक का विचार किया जाता है है
वृषभ राशि: वृषभ राशि इसका राशि स्वामी शुक्र है तथा यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति श्वेत वर्ण कांति हीन वेश्य वर्ण भूमि तत्व वाली स्थिर संजक स्थिर शरीर शुभ कारक तथा महा शब्द कारी है इसका स्वभाव स्वार्थी सांसारिक कार्यों में दक्षता तथा बुद्धिमता से काम लेने वाला है इसे अर्ध जल राशि भी कहा जाता है इसके द्वारा मु और कपलों का विचार किया जाता है
मिथुन राशि: मिथुन राशि इसका राशि स्वामी बुध है यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति हरित वर्ण चिकनी शुद्र वर्ण पश्चिम वायु तत्व वाली उष्ण महा शब्द कारी मध्यम संतति वाली स्थिर तथा विष मोदय है इसका स्वभाव शिल्पी तथा विद्या दैन है इसके द्वारा शरीर के कंघों तथा बाजुओं का विचार किया जाता है
कर्क राशि: कर्क राशि इसका राशि स्वामी चंद्रमा है यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति रक्त धवल मिश्रित वर्ण जल चारी सौम्य तथा कफ प्रकृति वाली बहु संतान एवं चरण रात्रि वली तथा सोदय है इसका स्वभाव लज्जा सांसारिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील र रहना तथा समय के अनुसार चलना है इसके द्वारा वक्ष स्थल ए गु पर विचार किया जाता है
सिंह राशि: सिंह राशि इसका राशि स्वामी सूर्य है यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति पित्त वर्ण क्षत्रिय वर्ण पित्व प्रकृति अग्नि तत्व वाली उष्ण स्वभाव पुष्ट शरीर यात्रा प्याल संतान विध तथा निर्जल है इसका स्वभाव मेष राशि के समान है परंतु इसमें उतारता एवं स्वतंत्रता प्रयता अधिक पाई जाती है इसके द्वारा हद्य का विचार किया जाता है
कन्या राशि: कन्या राशि इसका राशि स्वामी बुध है यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति पिंगल वर्ण द द्वि स्वभाव वायु तथा शीत प्रकृति पृथ्वी तत्व वाली रात्रि बली तथा अल्प संतति वाली है इसका स्वभाव मिथुन राशि जैसा है परंतु यह अपनी उन्नति तथा समान पर विशेष रूप से ध्यान देती है इसके द्वारा पेट का विचार किया जाता है
तुला राशि: तुला राशि इसका राशि स्वामी शुक्र है यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति श्याम वर्ण चर संजक शूद्र वर्ण वायु तत्व वाली दिन बली क स्वभाव श्रद अलप संतति भाव तथा पा जल राशि है इसका स्वभाव ज्ञान प्रय राज नित ज्ञा विचारशील कार्य संपादक है इसके द्वारा नाभी से नीचे के अंगों का विचार किया जाता है
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि इसका राशि स्वामी मंगल है यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति शुभ वर्ण कफ प्रकृति ब्राह्मण वर्ण उत्तर दिशा की स्वामिनी रात्र बली रात्रि बली बहु संत वितान तथा अर्ध जल तत्व वाली है इसका स्वभाव स्पष्ट वादी निर्म दृढ़ प्रतिज्ञ हटी तथा दंबी है इसके द्वारा जद्र का विचार किया जाता है
धनु राशि: धनु राशि इसका राशि स्वामी गुरु है यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति वर्ण द्वि स्वभाव क्षत्रिय वर्ण दिन बली पित्त प्रकृति अग्नि तत्व वाली अल्प संतान व्यान दृढ शरीर तथा अर्ध जल तथा वाली राशि है इसका स्वभाव करुणा में मदाय शल तथा अधिक कार्य प्रिय है इसके द्वारा पांव की संधि तथा जलाद तर विचार किया जाता है
मकर राशि: मकर राशि इसका राशि स्वामी शनि है य दक्षिण दक्षिण दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति पिंगल वर्ण रात्रि बली वश्य वर्ण पृथ्वी तत्व वाली स्थल शरीर तथा वात प्रकृति वाली इसका स्वभाव उस स्थिति का अभिलाषी है इसके द्वारा पांव के कुटन का विचार किया जाता है
कुंभ राशि: कुंभ राशि इसका राशि स्वामी शनि है यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है यह राशि पुरुष जाति विचित्र वर्ण वायु तत्व वाली शुद्र वर्ण त्रि दोष प्रकृति वाली उण स्वभाव अर्ध जल मध्यम संतान वाली सूर्योदय कुर तथा दिन बली है इसका स्वभाव शांत विचारशील धार्मिक तथा नवीन वस्तुओं का आविष्कार करता है इसके द्वारा पेट के भीतरी भागों का विचार किया जाता है
मीन राशि: मीन राशि इसका राशि स्वामी गुरु है यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है यह राशि स्त्री जाति पिंगल वर्ण त जल तत्व वाली ब्राह्मण वर्ण कफ प्रकृति तथा रात्रि बली है यह पूर्व रूप से जल राशि है इसका स्वभाव दयालु दानी तथा श्रेष्ठ है इसके द्वारा पैरो का विचार किया जाता है क्या दर्शाते हैं
12 राशियों के प्रतीक चिन्ह प्रतीक चिन्हों : 12 राशियों के प्रतीक चिन्ह प्रतीक चिन्हों का ज्योतिष से सीधा संबंध है जातक के जन्म के अवसर पर गोच चंद्र जिस राशि पर होता है जातक की वही जन्म राशि मानी जाती है चंद्र मन का गोत होने से यह माना जा है कि उस राशि के अनुरूप मानव का स्वभाव मोटे तौर पर रहता है प्रत्येक राशि का एक प्रतीक चिन्ह निर्धारित है जैसे
मेष राशि: मेष राशि का मेड़ा जातक स्वभाव से अडल तथा उत्साहित मगर धुनि होता है
वृषभ राशि: वृषभ राशि का जिन बेल जा परिश्रमी होते हैं कार्य में सतत लगे रहना इनका स्वभाव होता है
मिथुन राशि: मिथुन राशि कल्प कल्पा निशील तथा बुद्धिमान होते हैं
कर्क राशि: कर्क राशि इस राशि के व्यक्ति का केकड़े की भांती स्वभाव होता है अवसरों को यह चारों तरफ से लप हैं
सिंह राशि: सिंह राशि प्रतीक चिन्ह है शेर का मुख जातक गर्म स्वभाव के कुछ आलसी एवं रासी प्रकृति के होते हैं
कन्या राशि: कन्या राशि इसके जातक प्रतीक चिन्ह कन्या अनुसार कलात्मक रूपी तथा शांत प्रकृति के होते हैं
तुला राशि: तुला राशि प्रतीक चिन्ह तराजू जातक स्थिर वृति के प्रेमी होते हैं अत्यंत व्यावहारिक प्रति के होते हैं
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि बिच्छू जातक गर्म स्वभाव के होते हैं तथा नाय प्र रहते हैं
धनु राशि: धनु राशि प्रतीक चिन्ह धनुष ती स्वभाव के गंभीर तथा न्याय प्रय वृति के दृढ़ निश्चय होते हैं
मकर राशि: मकर राशि प्रतीक चिन्ह है मगर जातक अत्यंत चालाक परिस्थिति के अनुरूप व्यवहार करने वाले तथा चोकने रहते हैं
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक स्त्री वृति के व्यवहारिक होते हैं
मीन राशि: मीन राशि प्रतीक चिन्ह मछली जातक कलात्मक वृति के सात्विक बुद्धि वाले तथा वैभव तथा वैभव प्रिय होते हैं
प्रत्येक चिन्ह निर्धारित उसका अपना महत्व है तथा उसके अनुरूप जातक का व्यवहार रहता है मोटे तौर पर यह माना जाता है कि प्रतीक चिन्हो को विशेष धातु चांदी सोना तांबी इत्यादि में विशेष काल में डलवा करर मंत्र करने के उपरांत धारण करने से उस राशि ग्रह के कुंभ ककार से रक्षा होती है यह मान्यता है धन्यवाद i